स्त्री का हमारे जीवन मैं कितना महत्त्व है ये तो आप सभी जानते होंगे | स्त्री, चाहे तो वो हमारी माँ हो, बहन हो, पत्नी हो या बेटी हो | परिवार जब ही अच्छा लगता है जब घर मैं स्त्री होती है | बिना स्त्री के घर, घर जैसा ही नहीं लगता है | ये तो आप सबने महसूस करके देखा होगा | अगर हमारी माँ,बहन,बेटी या पत्नी कही चली जाती है तो उनके बिना घर सूना, सूना सा लगता है |मानो घर की रौनक ही चली गयी हो | इसिलए स्त्री को घर की लक्ष्मी कहते है घर की देवी कहते है | एक परिवार हो बांध कर रखने मैं स्त्री का बहुत बड़ा महत्त्व होता है | लेकिन शास्त्रों मैं कुछ काम ऐसे बताये गए है जो स्त्री को नहीं करने चाहिए | अगर स्त्री इन कामो को करती है तो अपशगुन माना जाता है और भगवान शिव शंकर नाराज हो जाते है | आईये जानते है उन कामो के बारे मैं कौन कौन से काम है वो...
1 . नारियल फोड़ना -जब भी हम किसी कार्य की शुरुआत करते है तो सबसे पहले नारियल फोड़कर उद्घाटन करते है और ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है और इस कार्य को हमेशा पुरुष ही करते है | अगर नारियल स्त्री फोड़ेगी तो ये अशुभ माना जाता है | इसलिए महिलाओं को कभी भी नारियल खुद नहीं फोड़ना चाहिए | हमेशा किसी पुरुष के हाथो से नारियल फुड़वाना चाहिए |
2 . पति से दूर रहना - एक शादीशुदा स्त्री को ज्यादा दिनों तक अपने पति से दूर नहीं रहना चाहिए | क्योंकि लोगों की नजर उस स्त्री पर होती है और समाज मैं ज्यादा दिनों तक अपने पति से दूर रहना अपशगुन माना जाता है | इसलिए बीच बीच मैं समय निकल कर अपने पति के साथ समय बिताना चाहिए |
3 . हनुमान जी की पूजा -हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे | इसलिए महिलाओ को हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए | और हनुमान जी के मंदिर मैं भी स्त्रियों को नहीं जाना चाहिए |
4 . गायत्री मंत्र का जाप - स्त्रियों को कभी भी गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए | इस बात को बहुत कम लोग ही जानते है | अगर स्त्री गायत्री मंत्र का जाप करती है तो अशुभ माना जाता है |
5 . जनेऊ धारण करना - हमारे हिन्दू धर्म मैं सिर्फ पुरुषो को ही जनेऊ धारण करने की अनुमति दी गयी है | अगर कोई स्त्री जनेऊ धारण करती है | तो ये अपशगुन माना जाता है | जनेऊ धारण करना स्त्रियों के लिए बहुत ही अशुभ माना गया है |
6 . बलि देना - पुराने ज़माने मैं देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए जानवरो की बलि दी जाती थी | ऐसा माना जाता था की बलि देने से देवी, देवता प्रसन्न होते है | इस काम को सिर्फ पुरुष है करते थे | अगर कोई औरत बलि देती है तो बहुत बड़ा अपशगुन माना जाता था | जानवरो की बलि की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही थी लेकिन वर्तमान मैं इस प्रथा को बहुत कम लोग ही मानते है |
7 . कद्दू काटना - हिन्दू शास्त्रों के अनुसार स्त्रियों का कद्दू काटना अपशगुन माना गया है | यदि कोई स्त्री कद्दू काटती है तो उसे कद्दू काटने के लिए पहले किसी पुरुष को देना चाहिए और उसके मना करने पर ही उस कद्दू को काटना चाहिए | कद्दू को भोजन के रूप मैं ज्यादातर पहाड़ी इलाकों मैं बनाया जाता है |
ये 7 प्रकार के काम है | इन कामो को कभी भी स्त्री को नहीं करने चाहिए | इन कामो को करना बहुत बड़ा अपशगुन माना जाता है |